गोंडा - राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का किया जाने वाला नियमित टीकाकरण उन्हें टिटनेस, टीबी, पोलियो, गलघोंटू, कालीखांसी, डायरिया व निमोनिया जैसी घातक और जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा कवच प्रदान करती है | प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोविड संक्रमण का फैलाव काफी कम हुआ है, जिसे देखते हुए नियमित टीकाकरण से वंचित महिलाओं और बच्चों के लिए आगामी सात मार्च से सघन मिशन इन्द्रधनुष - 4.0 अभियान चलाये जाने का निर्णय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा लिया गया है । अभियान तीन चरणों में चलाकर शून्य से दो वर्ष के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है । अभियान में ईंट-भट्ठों, मलिन बस्तियों और जनपद मुख्यालय से सुदूर क्षेत्रों में निवास करने वाली आबादी पर विशेष फोकस किया जाएगा ।
उक्त्त जानकारी मंगलवार को जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जय गोविंद ने सोमवार सात मार्च से शुरु हो रहे अभियान को सफल बनाने हेतु जिले में की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए कही । उन्होंने बताया कि पिछले महीने 18 फरवरी को सघन मिशन इंद्रधनुष - 4.0 का राज्य स्तरीय संवेदीकरण होने के बाद जनपद स्तरीय संवेदीकरण एवं ब्लॉक स्तरीय अभिमुखीकरण का कार्य 19 से 23 फरवरी तक किया गया । नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने के लिए 24 से 26 फरवरी तक क्षेत्र की 3086 आशा व 2905 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे किया गया । नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवतियों को चिन्हित करने के बाद माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है, जिसके अनुसार 6 हजार 521 गर्भवती महिलाओं और शून्य से दो वर्ष के 20 हजार 366 बच्चों का टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । टीकाकरण कार्य जिले के 322 उपकेंद्रों पर तैनात एएनएम द्वारा अपने-अपने कार्यक्षेत्र में किया जाएगा । उन्होंने बताया कि तीन मार्च को जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में माइक्रोप्लान की समीक्षा की जाएगी। जिला स्वास्थ्य समिति की स्वीकृति के बाद चार मार्च को माइक्रोप्लान शासन को भेजा जाएगा, जहां पांच मार्च को राज्य स्तरीय समीक्षा के बाद सात मार्च से जनपद में सघन मिशन इंद्रधनुष – 4.0 अभियान का पहला चरण शुरू होगा। मतगणना के चलते 10 मार्च को अभियान स्थगित रहेगा।
*अभियान में सहयोग की अपील* जनपदवासियों से टीकाकरण अभियान में सहयोग की अपील करते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा कि बच्चों में कुषोषण दूर कर बीमारियों से सुरक्षित रखने हेतु सम्पूर्ण व नियमित टीकाकरण के साथ ही छः माह तक सिर्फ स्तनपान और छः माह बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार पर सभी को जागरुक होने की जरूरत है ।
इस मौके पर डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय डांगे ने कहा कि नियमिति टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत जानलेवा बीमारियों जैसे- टीबी, गलघोंटू, काली खाँसी, टिटनेस, पोलियो, खसरा, हेपेटाइटिस-बी, डायरिया तथा निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, पोलियो, पेण्टावेलेण्ट, मीजल्स तथा डीपीटी के टीके दिये जाते हैं | साथ ही हर छः माह पर विटामिन-ए की खुराक दी जाती है | उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण टीकाकरण न होने से शिशु मृत्यु की सम्भावना बढ़ जाती है, इसीलिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाता है, ताकि बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके |
वहीं यूनिसेफ के डीएमसी शेषनाथ सिंह ने बताया कि जिले में मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान तीन चरणों में चलाया जाएगा | पहला चरण सात मार्च, दूसरा चरण चार अप्रैल और तीसरा चरण दो मई से शुरू होगा |
*टीकाकरण में ये है जिले की उपलब्धि* – एआरओ अरुण श्रीवास्तव के अनुसार, वर्ष 2021 में जिले में नियमित टीकाकरण की उपलब्धि 89.21 फ़ीसदी रही | वहीं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 के अनुसार, जनपद में 12-23 महीने की उम्र के 66.2 फ़ीसदी बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण किया गया |
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