गोण्डा- जिले के विधानसभा क्षेत्र तरबगंज के ग्राम उमरिया के लोगों ने मतदाता सूची से नाम गायब होने से आक्रोशित होकर प्रदर्शन किया। उक्त संबंध में गांव के राम भरोसे मौर्य ने निर्वाचन अधिकारी गोण्डा को पत्र भेजकर शिकायत की है,वहीं उपजिलाधिकारी और जिलाधिकारी को व्हाट्सअप के माध्यम से भी मतदाता सूची में हुई घोर अनियमितता के बारे में अवगत कराया है। अधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में बताया गया है कि तरबगंज क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम उमरिया के रीवां-एतमादपुर बूथ की मतदाता सूची में 733 मतदाता अंकित है जिसमें 200 मतदाता मर चुके हैं या फिर अन्य स्थानों पर निवास कर रहे हैं और उस जगह की सूची में उनका नाम अंकित हो चुका है। जबकि गाँव में सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो मतदान की आयु प्राप्त कर चुके हैं लेकिन उनका नाम सूची में नहीं है। इस गाँव की मतदाता सूची में तमाम नाम ऐसे भी हैं जो परिवार के क्रम में नहीं हैं साथ ही सूची में तमाम लोगों का नाम, पिता का नाम, आयु भी गलत अंकित हो गई है। शिकायत कर्ता राम भरोसे के अनुसार श्रीराम पुत्र राम फल, राम दत्त पुत्र राम फल सहित हरि प्रसाद, रामचरन, सुशीला,नीबर, सूर्य कला, रजकला, धनपता, जैसे दर्जनों लोगों की मौत 6 माह से लेकर 20 वर्ष पूर्व हो चुकी हैं लेकिन अभी भी सूची में नाम संशोधित नही किया गया है। गांव में हीरालाल, आरती, पूजा, रूपा, रोशनी, रेशमा जैसे सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो मतदान करने की आयु कब की पूर्ण कर चुके हैं लेकिन उनका नाम सूची में दर्ज नहीं किया गया है। एतमादपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत प्रत्याशी प्रियंका मौर्या ने बताया कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनाव में मतदान किया था लेकिन इस बार उनका नाम मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया जबकि उनके पास वोटर आईडी भी है। वहीं रींवा मजरे की इंद्रावती पत्नी कन्हैयालाल ने कहा कि अभी तक मतदाता पर्ची नहीं मिली है जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पर्ची मिल गई है पता करने पर मालूम हुआ कि मतदाता सूची में नाम काट दिया गया है जबकि वोटर आईडी बनी हुई है। संगीता पत्नी उमाशंकर ने बताया कि पंचायत चुनाव में मतदान किया था लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में नाम कटने के कारण मतदान से वंचित रह गईं थीं और इस बार भी नाम काट दिया गया है। अंजू पत्नी राजेश का कहना है कि उनकी शादी 03 वर्ष पहले हुई थी और पंचायत चुनाव में मतदान किया था लेकिन इस बार उनका भी नाम मतदाता सूची में नहीं है। गांव के भाजपा नेता और पूर्व जिला पंचायत प्रत्याशी दिवाकर मौर्य ने बताया कि स्थानीय बीएलओ मस्तराम के द्वारा चुनाव से पहले व्यक्ति विशेष के घर पर बैठकर मतदाता सूची संशोधन का कार्य किया जाता है जिस कारण से मतदाता सूची में व्यापक त्रुटियां और अनियमितता हैं। इस संबंध में बीएलओ मस्तराम को सैकड़ों बार फोन किया गया लेकिन फोन नहीं उठा! वहीं उपजिलाधिकारी तरबगंज कुलदीप सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और यदि अनियमितता पाई गई तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में बूथ पर माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति करके मतदाता सूची के अनुसार पात्र मतदाताओं को ही मतदान करने दिया जायेगा। इस गाँव की मतदाता सूची में संशोधन तो होगा ही लेकिन बीएलओ की लापरवाही के कारण सैकड़ों मतदाता इस बार भी मतदान से वंचित रहेंगे जो कि स्वस्थ लोकतंत्र के निर्माण के लिए घातक है !! जो जिम्मेदार लोगों की कार्यप्रणाली को सवालिया कटघरे में खड़ा कर रहा है।
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