किशोर-किशोरियों की जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान कर रहा साथिया ऐप

 यौन, प्रजनन एवं मानसिक स्वास्थ्य आदि के बारे में मिल रही जानकारी

गोंडा - किशोरावस्था में होने वाले  शारीरिक बदलावों के बीच किशोर-किशोरियों (10-19 आयु वर्ग) के मन में तमाम तरह की जिज्ञासाओं और शंकाओं को लेकर अंर्तद्वंद चलता रहता है। उम्र के इस मोड़ पर संकोच और शर्म के चलते वह अपनी मुश्किलों को दूसरों से नहीं कह पाते हैं, ऐसे में कई बार वह   गलत रास्तों पर भी चल पड़ते हैं। किशोर-किशोरियां अपनी इन्हीं मुश्किलों का घर बैठे समाधान पा सकें, इसको लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत साथिया सलाह मोबाइल एप तैयार किया गया है। इसके उपयोगकर्ता बताते हैं कि यह एप  किशोर-किशोरियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। 

एसीएमओ आरसीएच एवं आरकेएसके के नोडल डॉ. ए.पी. सिंह बताते हैं कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोर-किशोरियों के लिए छह प्राथमिकताओं- पोषाहार, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य (एसआरएच), गैर-संचारी बीमारियां (एनसीडी), मादक द्रव्यों का दुरुपयोग, मानसिक स्वास्थ्य, चोट एवं हिसा (जेंडर आधारित हिंसा समेत) को शामिल किया गया है। इस एप  के माध्यम से 10-19 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों को किशोरावस्था से जुड़े विषयों पर तकनीकी रूप से सही जानकारी मिलती है, साथ ही विशेषज्ञों द्वारा उनकी शंकाओं और जिज्ञासाओं का  समाधान भी किया जाता है। 

क्या कहते हैं उपयोगकर्ता :
काजीदेवार ब्लॉक की पीयर एजूकेटर ज्योति शुक्ला का कहना है कि इस एप में शारीरिक बदलाव, मानसिक स्थिति, भावनात्मक परिवर्तन, त्वचा संबंधी समस्या, पोषण आहार, यौन संबंधी, नशा, अधिकार, योजना और जीवन कौशल संबंधी प्रश्नों के समाधान दिए गए हैं, जिससे हमें काफी आसानी हुई है। शर्म और संकोच के चलते हम लोग जिन समस्याओं को दूसरों से साझा नहीं कर पाते हैं, उनकी जानकारी और समाधान हमें इस एप  से मिल जाता है। हलधरमऊ ब्लॉक की पीयर एजूकेटर पूजा का कहना है कि साथिया सलाह मोबाइल एप हम किशोर-किशोरियों की मुश्किलों को दूर कर रहा है। इसके साथ ही किशोरावस्था में होने वाले बदलाव व उससे जुड़ी भ्रांतियों  का समाधान महज एक क्लिक में हो रहा है। तरबगंज ब्लॉक की पीयर एजूकेटर रूबी बताती हैं कि साथिया एप के माध्यम से किशोर-किशोरियों को उम्र के मुताबिक स्वास्थ्य मुद्दों पर सलाह मिल रही है, साथ ही जीवन कौशल संबंधी प्रश्नों का समाधान व साथिया हेल्पलाइन द्वारा सलाहकारों से जानकारी भी मिल रही है। 

इन समस्याओं को होता है निदान :
ब्लॉक की अर्श काउंसलर सुनीता  जायसवाल का कहना है कि इस एप  के माध्यम से चिड़चिड़ापन, धैर्य एवं पढ़ाई में एकाग्रता की कमी, दोस्तों, भाई-बहनों के साथ झगड़ा करना, ज्यादा वक्त घर के बाहर गुजारना, डिप्रेशन, बार-बार बीमार पड़ना, कहना न मानना, बहस करना, झूठ बोलना, बात करने में झिझकना, परिजनों से बात करने में कतराना, छोटी छोटी बातों में घबरा जाना जैसी समस्याओं का निदान करने में आसानी होती है। 

क्या कहते हैं जिम्मेदार :
आरकेएसके के जिला समन्वयक आर.एस. राठौर का कहना है कि साथिया सलाह एप के माध्यम से किशोर-किशोरियां अपनी उन समस्याओं का समाधान आसानी से पा रहे हैं, जिन्हें जिन समस्याओं को वह संकोचवश दूसरों से नहीं कह पाते हैं। वह बताते हैं कि स्मार्टफोन पर इसे प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एक अच्छी पहल है,  जिससे किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन व भ्रांतियों को दूर किया जा रहा है। 

एप से मिल रही यह सेवाएं व सलाह :
- प्रजनन स्वास्थ्य संबंधित परामर्श सेवाएं
- किशोरावस्था के दौरान पोषण समबंधित सलाह
- एनिमिया जांच, उपचार तथा रोकथाम का परामर्श
- माहवारी से संबंधित स्वच्छता एवं समस्याओं के निराकरण पर सलाह एवं उपचार
- प्रजनन तंत्र संक्रमण व यौन जनित रोगों पर परामर्श
- प्रसव पूर्व जांच एवं सलाह
- सुरक्षित गर्भपात हेतु मार्गदर्शन एवं सलाह
- समुचित रेफरल सेवा
- विवाह के सही उम्र की जानकारी के लिए परामर्श व
 अन्य रोग एवं समस्याएं ( चर्म रोग, मानसिक तनाव, निराशा, नशापान, घरेलू एवं यौन हिंसा)

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