डीएम की मीटिंग से गायब रहे अधिकारियों पर डीएम का कड़ा रुख

गोण्डा - मंगलवार को जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमें जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस वर्ष अपने-अपने विभाग द्वारा रोपित कराए गए पौधों का शत-प्रतिशत कराते हुए सूचना उपलब्ध करा दें। इसके साथ आगामी वर्षा काल में शासन से प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष स्थलों का चिन्हांकन कराते हुए उनकी जिओ टैगिंग करा ली जाए।
बैठक में जिलाधिकारी ने इस वर्ष वृक्षारोपण की सत्यापन रिपोर्ट दे देने वाले लगभग एक दर्जन अधिकारियों का नवम्बर माह का वेतन निर्गत न करने तथा जिला पर्यावरण समिति की बैठक से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले 11 अधिकारियों का एक दिन का वेतन अदेय करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
      बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि आगामी वर्षा काल में वृक्षारोपण हेतु शासन से 57 लाख 72 हजार 198 पौधों का रोपण का लक्ष्य दिया गया है जिसके लिए 7646 साइट्स का चिन्हांकन कर लिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने विभाग को आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष स्थलों का भौतिक निरीक्षण कर उनकी शत-प्रतिशत जिओ टैगिंग कराकर रिपोर्ट दें। बैठक में उन्होंने डीएफओ व अन्य अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इस वर्ष वृक्षारोपण हेतु पौधों की खरीद प्राइवेट नर्सरी से न करके स्वयं सहायता समूहों, उद्यान विभाग तथा वन विभाग से ही की जाएगी।
       वर्षा जल संचयन को लेकर उन्होंने निर्देशित किया कि सोक पिट और ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए ग्राम पंचायतें कन्वर्जेन्स के शासनादेश के अनुसार कार्य करें। नगरीय निकायों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे वर्षा जल संचयन और नालों के जल को स्वच्छ कर पुर्नउपयोग के लिए कार्य योजना बनाएं। उन्होंने प्रभारी अधिकारी नगरीय निकाय/नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता को सख्त निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि विनियमित क्षेत्र अन्तर्गत उनके यहां से नक्शा तभी स्वीकृत किया जाय जब सम्बन्धित भवन के निर्माण हेतु भूगर्भ जल/वर्षा जल संचयन हेतु प्रबंध किए जाने का प्रबंध भी किया गया हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गाड़ियों के सर्विस स्टेशनों पर भूगर्भ जल और लघु सिंचाई के अधिकारी सुनिश्चित कराएं कि बिना अनुमति के कोई भी सर्विस स्टेशन संचालक द्वारा भूगर्भ जल का दोहन न किया जाय तथा डोमेस्टिक वाटर का रियूज के लिए प्रबन्ध सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभाग की कार्य योजना एक सप्ताह के अन्दर वन विभाग को उपलब्ध करा दें।
     बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी, सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, डीएफओ आरके त्रिपाठी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी डा0 नरेन्द्र कुमार, जिला उद्यान अधिकारी मृत्युन्जय सिंह, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, डीपीआरओ सभाजीत पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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