लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर ही होगी दाखिल खारिज की कार्यवाही,राजस्व परिषद के आदेशों का होगा कड़ाई से पालन

गोण्डा -  तहसीलदार सदर, गोंडा श्री पुष्कर मिश्रा ने बताया है कि जनपद में दाखिल खारिज के वादों में लेखपाल से बयान / आख्या प्राप्त नहीं की जा रही है , जिसके कारण अनुसूचित जाति / जनजाति के सदस्यों / खातेदारों की भूमि का विक्रय सामान्य जाति के पक्ष में हो जाने तथा इस आधार पर दाखिल खारिज कर दिए जाने सम्बन्धी त्रुटियां हो रही है , इसके अतिरिक्त कीमती / आवासीय / व्यवसायिक भूमियों का भी कम मूल्यांकन दिखाकर प्रायः क्रय - विक्रय व दाखिल खारिज हो रही है जिससे राजस्व की क्षति हो रही है ।   उ0 प्र0 राजस्व संहिता नियमावली 2016 के नियम -33 जिसमें धारा -34 के अन्तर्गत अन्तरण के सम्बन्ध में रिर्पोर्ट लिए जाने का प्राविधान विहित किया गया है , धारा -34 में वर्णित अन्तरण द्वारा किसी भूमि पर कब्जा प्राप्त करने वाले व्यक्ति द्वारा या उसकी ओर से प्रत्येक रिपोर्ट यथा सम्भव शीघ्र आर ० सी ० प्रपत्र -11 में की जायेगी। नियम -29 के उप नियम -3 से 6 के प्राविधान इस नियम के अन्तर्गत प्रस्तुत प्रत्येक रिपोर्ट पर लागू होगें । उन्होंने बताया है कि राजस्व संहिता के नियम -29 के उप नियम ( 4 ) ये यह प्राविधान है कि उपरोक्त रिपोर्ट लेखपाल के माध्यम से राजस्व निरीक्षक को प्रेषित की जा सकेगी । लेखपाल इसके लिए एक रसीद निःशुल्क जारी करेंगा। मा0 राजस्व परिषद द्वारा उपरोक्त परिस्थितियों में लेखपाल के बयान / रिपोर्ट दाखिल खारिज में लिए जाने का निर्देश दिया गया है। उपरोक्त वर्णित परिस्थितियों में नामान्तरण की कार्यवाही में मा0 राजस्व परिषद के द्वारा जारी परिषदादेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

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