गोंडा - वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर जहां पूरी दुनिया मे तबाही मची हुई है,तमाम परिवार इस खतरनाक बीमारी का शिकार हो चुके हैं,तमाम लोग असमय मौत के गाल में समा चुके हैं,बीमारी के नाम से लोग आज भी बहुत भयभीत व परेशान हैं हर देश अपने देश के नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लगवा कर कोरोना मुक्त कराने में जुटा हुआ है। प्रत्येक देश इस बीमारी के संक्रमण के प्रभाव को कम कर महामारी को नियंत्रित करने के लिये अनवरत प्रयासरत है। वहीं गोंडा जनपद में हलधरमऊ सी एच सी पर तैनात जिम्मेदारों के खेल निराले हैं,यहाँ बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है,यहाँ तैनात जिम्मेदार सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। आपको बता दें कि सीएचसी कर्मियों पर फर्जी कोरोना वैक्सीन लगाने का आरोप लगा है। यह आरोप लगाते हुये मुख्यमंत्री,जिला अधिकारी तथा जिले के सी एम ओ से शिकायत की गई है। पूरा मामला कटरा बाजार थानाक्षेत्र अन्तर्गत सुमेरपुर गांव से जुड़ा है। यहाँ के निवासी सत्येंद्र सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर जिले के आला अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि उन्हें तथा उनकी पत्नी सुनीता को कोरोना की पहली डोज विगत 26 मई 2021 को लगाई गई थी तथा दूसरी डोज लगवाने के लिये उन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था पर किसी कारण से वह निर्धारित तिथि 21 अगस्त 2021 को वैक्सीन नहीं लगवा सके फिर भी रात्रि को मोबाइल पर मैसेज आया की उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज सफलता पूर्वक लग चुकी है। उनका आरोप है कि रेफरेंस आईडी एक ही होती है उसे बदला नहीं जा सकता और उन्हें वैक्सीन नहीं लगी तो आखिर किसे लगी,कहीं वैक्सीन की कालाबाजारी तो नहीं की जा रही है अथवा वैक्सीन लगाने के नाम पर जनता के जीवन से खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मामले की शिकायत जिले के सीएमओ से की तो उनकी ओर से भी कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसके बाद अब उन्होंने मुख्यमंत्री के यहां शिकायत दर्ज कराकर दोषियों के विरुद्ध जाँच व कार्यवाही की मांग की है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व जिम्मेदारों द्वारा इस प्रकार की घोर लापरवाही व अनियमितता प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना महामारी को रोकने हेतु चलाये जा रहे महाअभियान को पलीता लगा रही है। सरकार जनता को निःशुल्क वैक्सीन लगवा रही है, वैक्सीन के सही उपयोग व कालाबाजारी रोकने के लिये वैक्सीनेशन के वक्त सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई जाती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस प्रकार की लापरवाही जनता के लिये चिंता का विषय है। अब सवाल यह उठता है कि वैक्सीन लगने का समय दिन में पाँच बजे तक ही निर्धारित है तो रात्रि में मोबाइल पर मैसेज कैसे आ गया,और यदि माना जाये कि नेटवर्क की समस्या के चलते ऐसा हुआ तो जब पीड़ित वैक्सीन लगवाने गया ही नहीँ तो उसके मोबाइल पर सफलता पूर्वक वैक्सीन लगने का संदेश कैसे और किसने भेजा। और उसके बाद पीड़ित की शिकायत पर विभाग की कुम्भकर्णी नींद यह सावित कर रही है कि कहीं न कहीं मामले में बड़ा गड़बड़झाला है। फिलहाल मामले में क्या सच्चाई है यह जाँच का विषय है,मामले में कितनी कार्यवाही होगी और कब होगी यह जाँच के बाद ही तय हो सकेगा । मामले की जानकारी के लिये हलधरमऊ सीएचसी अधीक्षक डॉ सन्त प्रताप वर्मा के मोबाइल पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
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