करनैलगंज की बड़ी खबर, कोरोना कहर के बीच घोड़े में पाया गया बरखोडिया वायरस, मचा हड़कंप,जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही पशुचिकित्सा टीम ने जहर इंजेक्शन देकर जमीन में किया दफन

करनैलगंज गोण्डा (रमेश पाण्डेय)। कोरोना वायरस ने जहां पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है। वहीं यूपी के गोण्डा जिले के करनैलगंज तहसील इलाके में एक घोड़े में बरखोडिया मेलियाई नामक वायरस पाए जाने से हड़कंप मच गया है। चिकित्सकों द्वारा वायरस की पुष्टि  होते ही उसे उसे जहर का इंजेक्शन देकर दफन कर दिया गया और संपर्क में आने वाले जानवरों की सैंपलिंग शुरू हो गई है।
गौरतलब हो करनैलगंज कस्बे के बमपुलुस निवासी ईदू के दो घोंडों की अचानक तबीयत बिगड़ी तो उसे मवेशी अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसका नमूना लिया गया। तथा नमूने को हिसार एनआरसी लैब भेजा गया। जांच में पता चला कि एक घोड़ा बरखोडिया मेलियाई नामक खतरनाक वायरस से संक्रमित है। रिपोर्ट आते ही मवेशी अस्पताल में हड़कंप मच गया। घोड़े को तत्काल पशुचिकित्सा विभाग की टीम ने पीपीई किट पहन कर नगर से बाहर ले जाकर पहले बेहोशी का इंजेक्शन दिया और बाद में जहर का इंजेक्शन देकर मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद जेसीबी के मदद से गड्ढा खोदवाकर दफन कर दिया। पशुचिकित्सा विभाग के उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.सुरेश कुमार तिवारी ने बताया घोड़े में पाया गया बरखोडिया मेलियाई नामक वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। जिससे बहुत ही सावधानी पूर्वक संक्रमित घोड़े को मारकर दफन करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग में अलर्ट कर दिया गया है तथा संपर्क में आने वाले जानवरों की सेंपलिंग शुरू करा दी गई है। घोड़े में पाए गए बरखोडिया मेलियाई नामक इस वायरस को लेकर अब प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। खुद एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट आस-पास के सभी पालतू जानवरों की चेकिंग कर रहा है। अगर वायरस दूसरे जानवर में फैला हो तो उसे रोका जा सके। वहीं उन घोड़े के संपर्क में आने वाले लोगों को भी जांच कराने व सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है। इस मौके पर पशुचिकित्सा विभाग से उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.सुरेश कुमार तिवारी, पशु चिकित्साधिकारी डॉ.त्रिवेणी कुमार, पशुधन प्रसार अधिकारी अनिल, फार्मासिस्ट अतुल कुमार मौर्या, विनोद कुमार सहित पैरावेड्स सहयोगी मौजूद रहे।


करनैलगंज नगर में फैले बरखोडिया मेलियाई नामक खतरनाक वायरस से खतरा पैदा हो गया है। नगर में मिट्टी के बर्तन बनाने व बेंचने वाले लोगो की संख्या करीब डेढ़ सौ के आसपास है। तथा उनके पास घोड़े की प्रजातियों में घोड़े, खच्चर व गधों की संख्या करीब दो सौ है। जिससे इस वायरस के तेजी से फैलने का खतरा पैदा हो गया है।

उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.एसके तिवारी बताते हैं कि यह बीमारी कोरोना से भी खतरनाक होती है। तथा जानवरो से यह वायरस इंसानों में फैल सकता है। उन्होंने बताया कि यह वायरस अन्य मवेशियों में भी फैलने का खतरा बना हुआ है। हालांकि जानवरों की जांच व सैम्पलिंग तेजी से कराई जा रही है।

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