2022 जीत हार बाद कि बात, गड़े मुर्दे उखाड़ेंगे बागी


बागियों के बल पर बिछ रही जीत की बिसात

गोण्डा - (कटरा विधानसभा)टिकट को लेकर उम्मीदवारों के  उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद राजनीतिक गलियारों में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।  टिकट न पाने वाले जिस पार्टी का अब तक दिनरात  गुणगान कर रहे  थे, दूसरी पार्टी में शामिल होकर अब  कलई खोल रहे हैं।   फिलहाल बागियों के विरोध का कितना असर कौन से दल पर पड़ता है ये तो भविष्य बताएगा।
  भाजपा से बागी विनोद शुक्ला बसपा से ताल ठोंक रहे हैं और बीजेपी प्रत्याशी को आड़े हाथों लेकर कमियां गिना रहे हैं।  लेकिन जानकर बताते हैं कि इनका बागीपन बीजेपी से अधिक सपा को दर्द दिए हुए है। वहीं अब सपा से बागी हुए मसूद आलम खान को लेकर चर्चा जोरों पर है।
 बताते चलें मसूद आलम खान को सपा ने कैसरगंज का प्रत्याशी बनाया था। नामांकन भी हो चुका था। बहराइच कैसरगंज विधानसभा से ज्यादा गोंडा कटरा विधानसभा के सपा खेमे के लोग ज्यादा खुश थे। इसके पीछे का कारण कटरा विधानसभा में इनका पैतृक घर व यहां से इनका चुनाव न लड़ना सपा की जीत सुनिश्चित करता दिख रहा था।  लेकिन बहराइच कैसरगंज में बागियों के विरोध के चलते सपा आलाकमान ने मसूद का टिकट काट दिया। ऐसी सूचना आने के बाद ही गोंडा के कटरा विधानसभा के सपा खेमे की खुशियां काफूर हो गईं।जगह जगह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध जताया व प्रदर्शन किया। सपा विरोधी नारे बाजी करते हुए देवीपाटन मण्डल में बदला लेने की बात कही। इसी बीच चर्चा है कि कांग्रेस के प्रदेश के वरिष्ठ नेता  ने अपने पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों की माने तो सपा से टिकट मिलने के पूर्व भी कांग्रेस के टच में थे। जब इनका टिकट फाइनल हो गया तो कांग्रेस ने भी अपना टिकट फाइनल कर दिया है। यहाँ के घोषित प्रत्याशी नामांकन भी कर चुके हैं। लेकिन चर्चा है कि टिकट को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कटरा विधानसभा में कैसरगंज में हुए सपा के तर्ज पर खेल कर सकते हैं। मसूद आलम खान का मुस्लिम पर अच्छी पकड़ मानी जाती है। जो सपा के प्रत्याशी के लिए सिरदर्द बन सकता है। फिलहाल देखना यह होगा कि इन बागियों का असर किसकी जीत सुनिश्चित करता है।

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