गोण्डा - जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में तीन दिवसीय ट्रेनिंग का शुभारम्भ जिला ग्राम ट्रेनिंग संस्थान झंझरी में शुरू हुआ। प्रशिक्षण का शुभारम्भ अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी तथा एसडीएम सदर विनोद कुमार सिंह ने किया।
जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदाओं के दौरान राहत कार्य बेहतर तरीके से कराने के लिए ठोस पहल की जा रही है। इसी क्रम में जिले के लेखपालों को पूरी तरह से दक्ष बनाया जा रहा है, ताकि आपदा के दौरान ये लेखपाल बिना डर-भय के प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर सकें।
एडीएम ने कहा कि आपदाएं कभी भी आ सकती हैं, जिनके आने पर बड़े पैमाने पर जन धन की हानि हो जाती है। कोई भी प्रकोप जो व्यापक स्तर पर जन धन की हानि करते हुए समुदाय को प्रभावित करता है, वही आपदा की श्रेणी में आता है। आपदा को रोका तो नहीं जा सकता मगर सतर्कता बरते जाने पर उससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि लेखपाल अब अधिकारियों और ग्रामीणों से समन्वय बनाएंगे और आपदाओं से कम से कम नुकसान हो, इसकी पूरी तैयारी रखेगें।
जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि लेखपालों को ग्राम आपदा प्रबंधन योजना तथा आपदा की दृष्टि से गांवों के मानचित्र के बारे में भी पूरी जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही आपदा से जनसामान्य को बचाने के लिए जिले की चारों तहसीलों के लेखपालों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले की चारों तहसीलों से चयनित लेखपालों लेखपालों को प्रशिक्षण दिया जा रहा हैै जिसमें लेखपालों को आपदा प्रबंधन ट्रेनिंग जागरूकता, योजना से न्यूनीकरण के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक तहसील के आठ-आठ लेखपालों को ट्रेनिंग दिया जा रही है। प्रशिक्षण का कार्य जिला ट्रेनिंग अधिकारी अनिल कुमार सिंह द्वारा किया जा रहा है।
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