गोण्डा - जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूरी पर ग्राम गुरसड़ा स्थित बटौरा बाबा स्थान अति प्राचीन व ऐतिहासिक है, जहां एक पीपल के वृक्ष पर विराजमान हनुमानजी जनकल्याण करते हैं। आज हम बात कर रहे हैं कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के हलधर मऊ ब्लाक अंतर्गत गुरसडा गांव स्थित बटौरा बाबा मेले की जहां माह के प्रत्येक मंगलवार को भक्तो की भारी भीड़ लगती है। यहां पीपल के वृक्ष पर विराजमान हनुमानजी खासकर प्रेत बाधाओं से ग्रसित लोगों को भूत-प्रेतों की छाया से से छुटकारा दिलाते हैं । मान्यता है कभी प्रभु श्री राम अपनी भार्या सीता व भाई लक्ष्मण के साथ विचरण कर ते समय इस निर्जन स्थान पर रुके थे,यहां केवल जंगल हुआ करता था,वन आच्छादित इस क्षेत्र में केवल नरभक्षी पशु ही दिखाई पड़ते थे, यहां रुकने के बाद प्रभु श्री राम ने जनकल्याण के लिए हनुमान जी को इसी स्थान पर रहकर मनुष्यो को कष्टों से मुक्त दिलाने के लिए आदेश दिया था।माना जा रहा है कि तभी से अंजनी नंदन महाबली हनुमान इस स्थान पर लगे एक पुराने पीपल के वृक्ष पर विराजमान हैं तथा मानव कल्याण करते हैं। यहां माह के प्रत्येक मंगल पर भूत प्रेत की साया से ग्रसित तमाम महिलाओं व पुरुषों को देखा जा सकता है,जिनकी संख्या सैकड़ों में होती है प्रेत बाधाओं से ग्रसित लोग यहां आकर हाजरी लगाते हैं और पीपल पर विराजमान हनुमानजी उन्हें प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाते हैं। यहां शुभ संस्कारों में मुंडन संस्कार शादी विवाह के बाद मौर( ताज) चढ़ाने के लिए तमाम लोगों की भीड़ उमड़ती है। असाध्य बीमारियों से ग्रसित लोग यहां आकर मन्नत मांगते हैं और रोगमुक्त होने पर सामर्थ्य अनुसार रामचरितमानस कथा कीर्तन भजन भागवत पुराण पाठ सहित अन्य धार्मिक आयोजन करते रहते हैं। गोंडा ही नहीं अपितु प्रदेश के सीतापुर, खीरी लखीमपुर, हरदोई, बस्ती,बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती,आयोध्या तथा बाराबंकी समेत अन्य जनपदों से आने वाले लोगों लिए यह स्थान आस्था केंद्र बना हुआ है।
*मुगलकालीन व 400 वर्ष पुराना है बटौरा बाबा मंदिर*
बटौरा बाबा के पुजारी के अनुसार इस मंदिर की स्थापना करीब 400 वर्ष पहले हुई थी, तभी से इस स्थान पर मंगलवार को मेला लगने की परम्परा चली आ रही है,जो भक्तगण सच्चेमन से अपनी मन्नत मांगता है उसकी मनोकामना हनुमान जी जरूर पूर्ण करते हैं।
*बटौरा बाबा के चमत्कार*
वैसे तो बटौरा बाबा के तो अनेकों चमत्कार बताये जा रहे हैं,यहाँ किसी को पाँच मंगलवार आने से तो किसी को लगातार 11 मंगलवार आने पर लाभ मिलता है। लेकिन बटौरा बाबा के चमत्कार का एक ताजा और सजीव उदाहरण हैं कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के कर्नलगंज विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत नारायणपुर माझा सूर्यवँसन पुरवा निवासी आकाश सिंह उर्फ प्रिंस सिंह। उन्होंने बताया उनके पिताजी रेलवे में कार्यरत थे और सेवाकाल के दौरान उनका आकस्मिक निधन हो गया था,उनकी जगह पर उन्होंने अनुकम्पा नियुक्ति हेतु अपना आवेदन किया था लेकिन रेलवे विभाग द्वारा इसी दौरान एक शासनादेश जारी कर उनकी नियुक्ति रोक दी,विभाग द्वारा कहा गया कि जिसकी सेवा एक वर्ष से कम बची थी उनके आश्रितों को अनुकंपा की नौकरी नहीं दी जा सकती। परेसान होकर उन्होंने रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों के यहां बहुत अनुनय विनय किया लेकिन सरकारी शासनादेश के चलते किसी ने नौकरी देने की हामी नहीं भरी। हताश और निराश होकर वह घर बैठ गए।इ सी दौरान किसी के कहने पर वह प्रत्येक मंगलवार को बटौरा बाबा जाकर दर्शन करने लगे,उनकी अटूट आस्था आस्था के चलते कुछ ही दिनों में विभाग ने अपना पुराना शासनादेश वापस लेकर एक नया शासनादेश जारी कर दिया कि सेवाकाल में एक वर्ष से कम सेवा अवशेष रहने पर भी मृतक आश्रितों को विभाग मे अनुकम्पा के आधार पर नौकरी दी जा सकती है। उसी आदेश के आधार पर आकाश सिंह वर्तमान में लखीमपुर खीरी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यह वृत्तांत उन्होंने आज मंगलवार को बटौरा बाबा मैं दर्शन पूजन के उपरांत स्वयं साझा किया।
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