मंत्री द्वारा दुलार व उपकरण पाकर दिव्यांगों के खिल उठे चेहरे,दिव्यांगों के लिए माध्यमिक शिक्षा स्तर के आवासीय स्कूल हेतु शासन को जाएगा प्रस्ताव

गोण्डा-बुधवार को ब्लाक संसांधन केन्द्र नवाबगंज के प्राथमिक विद्यालय नगवा में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से समेकित शिक्षा और समग्र शिक्षा अभियान के तहत 231 दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क सहायक उपकरण प्रदान किए। सहायक उपकरण कार्यक्रम का शुभाम्भ प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री,  डीएम मार्कंडेय शाही व पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया 
   भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम कानुपर के सहयोग से आयोजित सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम में विशिष्ट श्रेणी के 231 बच्चों को उनकी जरूरत के मुताबिक उपकरण प्रदान किये गए जिसमें 11 ट्राईसाइकिल, 34 व्हीलचेयर, 04 बैसाखी, 06 सीपी चेयर, 67 एमएसआईडी किट, 76 श्रवण यंत्र, 08 ब्रेलकिट, 06 फोल्डिंग केन, 02 स्मार्ट केन, 12 रोलेटर, 02 एल्बोक्रच, 02 बे्रल स्लेट तथा 01 एडीएल किट दिए गये।
    इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने कहा कि सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है और इस दिशा में लगातार काम भी कर रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को दिए जा रहे उपकरण उनके लिए बहुत ही सहायक सिद्ध होंगे। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि शीघ्र ही जनपद के दिव्यांग बच्चों के लिए माध्यमिक शिक्षा स्तर के आवासीय विद्यालय शुरू कराने हेतु शासन स्तर से प्रयास शुरू करेंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही नेे बेसिक शिक्षा विभाग और भारतीय  कृत्रिम अंग निर्माण निगम के सार्थक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा की बेसिक शिक्षा विभाग और एलिम्को दिव्यांग बच्चों के जीवन में नई रोशनी लेकर आया है। उन्होंने कहा कहा कि दिव्यांग बच्चों के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उन्हें हीनभावना से ग्रसित न होने दें बल्कि सामान्य बच्चों की तरह ही उन्हें बराबरी का दर्जा दें। उन्होंने जिले के हलधरमऊ ब्लाक के तीन दिव्यांग बच्चों जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ओलम्पिक मेें गोल्ड, सिल्वर व कांस्य पदक जीतकर जिले का मान बढ़ाया है का उदाहरण भी दिया। उन्होंने स्पेशल एजूकेटर्स को निर्देश दिए कि वे लोग और अधिक परिश्रम करें तथा यह सुनिश्चित करें कोई भी दिव्यांग बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहने पावे। 
जिलाधिकारी ने मण्डल स्तर पर दिव्यांगों के लिए माध्यमिक शिक्षा स्तर का आवासीय विद्यालय बनाए जाने हेतु शीघ्र प्रस्ताव भेजने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि दिव्यांग बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लगातार मेडिकल चेकअप कराते रहें तथा गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व पर चेकअप करातेे रहें। 
    इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे ने कहा  कि ईश्वर यदि किसी के शरीर में कोई अपंगता देता है तो भी कुछ विशेष गुण भी देता है और वह विशिष्ट गुण हमारे जिले के दिव्यांग बच्चों में दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बच्चे निश्चित ही अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाएंगे। 
   सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय मोहन वन ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 06-14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इसी योजना के तहत वर्तमान में जिले में 6107 दिव्यांग बच्चे पंजीकृत हैं जिन्हें हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी आरपी सिंह ने अतिथियों का स्वागत पौधे व पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक समेकित शिक्षा राजेश सिंह ने किया।
  इस दौरान माननीय मंत्री के अनुज श्री बाबूलाल शास्त्री, सांसद गोंडा के प्रतिनिधि कमलेश पांडे, पीआरओ वेद प्रकाश दुबे, जनार्दन तिवारी, एडी बेसिक विनय मोहन वन, खण्ड शिक्षा अधिकारी ओएन वर्मा, जिला समन्वयक एमडीएम गणेश गुप्ता, एलिम्को से डा0 नीरज कुमार वर्मा व डा0 मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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