श्रीकृष्ण व रुकमणी के विवाह का रोचक प्रसंग एवं जीवंत झांकी देखने उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

करनैलगंज/गोण्डा(रमेश पाण्डेय)। करनैलगंज के सरयू तट पर चल रहे श्रीमद् भागवत कथा भक्त ज्ञान यज्ञ में गुरुवार की रात के आयोजन में भगवान श्री कृष्ण व रुकमणी के विवाह का रोचक प्रसंग एवं जीवंत झांकी प्रस्तुत की गई। इस संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ में कथावाचक आचार्य रसराज मृदुल महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए गीता एवं भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को बखान किया। इसके अलावा उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की रासलीला को आधुनिक युग में गलत अर्थ निकालने के तरफ ले जाकर उसका विरोध भी दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि भगवान की रासलीला का नाम फिल्मी जगत ने बदनाम किया है। रासलीला कोई कामलीला नही है। जिसे जो मन चाहे उस नजर से देखा जाय। रासलीला योग लीला है। जिसे भगवान श्री कृष्ण ने सामाजिक रूप से रचाया था। 
आचार्य ने कहा कि भारत देश की महिलाओ का दुनिया मे सबसे अधिक सम्मान है। जहाँ पति अपनी पत्नी को धर्म पत्नी मानता है और पत्नी अपने पति को पति परमेश्वर का स्थान देती है। यह सम्मान दुनिया के किसी देश में नही है। माता तुलसी व शालिगराम विवाह एवं रुक्मणी विवाह के मौके पर इस भागवत कथा में आए करीब हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने घराती व बाराती बनकर जबरदस्त तरीके से जीवंत वैवाहिक कार्यक्रम का रूप दे दिया। लोग झूमते और नाचते रहे। इसी बीच जय माल का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालु एवं कथा के श्रोता उपस्थित थे। दूरदराज क्षेत्रों से श्रद्धालुओं के वाहनों का काफिला सरयू घाट पहुंचा था। जहां भीड़ के आगे लोगों के बैठने की जगह कम पड़ गई। गुरुवार के कार्यक्रम में तमाम लोगों ने आचार्य को सम्मानित भी किया। इस मौके पर संतोष कुमार जायसवाल, प्रकाश जायसवाल, राजेश कुमार सिंह, महंत गिरिजा शंकर गिरी, महंत सुनील पूरी, पिंटू बाबा, आशीष गोस्वामी, पवन गुप्ता, महेश गुप्ता, समीर गुप्ता, मुकेश सोनी, दिनेश कुमार सिंह, रामजीलाल मोदनवाल, अरविंद कुमार शुक्ला, डॉ जेपी राव, शिवकुमार पुरुवार, संजय यज्ञसैनी, विवेक सिंह, उमेश मिश्रा, गिरीश शुक्ला, हृदय नारायण मिश्र, आशीष शुक्ला, अशोक कुमार सिंघानिया, कृष्ण गोपाल वैश्य, सुमित द्विवेदी, डॉ रतन शुक्ला, पराग गुप्ता, विमलेंद्र जायसवाल पुलकित,रितेश गुप्ता सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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