गोण्डा - भारत वर्ष प्राचीन काल से ही स्वच्छता पसंद देश रहा है। स्वच्छता न केवल हमारे आस-पास घर आॅगन सड़क के लिए है, बल्कि यह हमारे शरीर जीवन के हर पहलू में आवश्यक है। स्वच्छता गाँव, मुहल्ला सहित राष्ट्र की आवश्यकता है। स्वच्छता से जहाॅ घर आॅगन मुहल्ला और शरीर स्वच्छ-साफ रहती है, वहीं देखने में भी सुन्दर लगती है। यह व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा है। स्वच्छता दबाव से नही बल्कि अच्छी आदत एवं स्वेच्छा से अपनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 से शुरू किये गये स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में गाॅव, मुहल्ले, गली, सड़क,शहर के नाले, नाली, आँफिस अपशिष्ट प्रबन्धन, स्वच्छ शौचालयों का निर्माण, खुले में शौच पर होने वाले प्रदूषण गन्दगी व रोग के विषय में जागरूकता आदि कार्य तेजी से होने लगें।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश के पंचायतीराज विभाग द्वारा गाॅवों में स्वच्छ शौचालयों के निर्माण में तेजी लाते हुए प्रदेश को खुले में शौच मुक्त (ओ0डी0एफ0)घोषित किया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 24409.48 करोड रू0 व्यय करते हुए 2.18 करोड़ शौचालयोंध्इज्जतघरों का निर्माण कराया गया है। मुख्यमंत्री जी ने शौचालय के निर्माण को इज्जतघर का नाम दिया है। प्रदेश में बनायें गये इन इज्जतघरों के निर्माण में मनरेगा से दिये गयें रोजगार की दृष्टि से 19.62 करोड़ मानव दिवसों का सृजन किया गया है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित अवधि 2 अक्टूबर 2019 से एक वर्ष पूर्व 2018 में ही प्रदेश के सभी 75 जिलों में शत-प्रतिशत इज्जतघरों का निर्माण कराते हुए ओ0डी0एफ0 घोषित किया गया हैं उत्तर प्रदेश का इज्जतघर निर्माण में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान रहा है।
प्रदेश के ओ0डी0एफ0 घोषित होने के बाद ग्रामों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण वर्ष 2020-21 में शुरू हुआ। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण से गरीब बस्तियों के लोगों के उपयोग हेतु फ़ायदेमंद रहा है।
प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों को लक्षित करते हुए 58756 ग्रामों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण शुरू हुआ। जिसमें अब तक लगभग 44 हजार शौचालय पूर्ण हो गये है। इन शौचालयों का निर्माण कोविड़-19 के दृष्टिगत लोगों को रोजगार देना सरकार का मुख्य उद्देश्य रहा। बन रहे सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में अब तक एक करोड़ से अधिक मानव दिवसों का सृजन करते हुए लोगों को रोजगार दिया गया है जिसमें ग्रामीण राजगीर और श्रमिक है। इन शौचालयों के निर्माण में प्रदेश सरकार द्वारा 2800 करोड़ रू0 के सापेक्ष अब तक 2200 करोड़ रू0 व्यय किये गये है।
प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छता मिशन पर किये गये जमीनी कार्यो का भारत सरकार द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में उ0प्र0 पूरे देश में अव्वल रहा। वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय स्तर पर गा्रमीण विकास क्षेत्र में सर्वाधिक शौचालय निर्माण एवं प्रभावी जागरूकता पर स्काॅच एवार्ड में रजत पदक से उ0प्र0 को पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रीय वार्षिक गा्रमीण सेनीटेशन सर्वे में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर उ0प्र0 को भारत सरकार से 735 करोड़ रू0 प्रोत्साहन धनराशि प्राप्त हुई है। उसी तरह वर्ष 2020-21 में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत राज्यों के बीच सामुदायिक स्वच्छता अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का पुरस्कार उत्तर प्रदेश को मिला है। उत्तर प्रदेश को स्वच्छ, सुन्दर सामुदायिक शौचालय में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। प्रदेश के दो जनपद बरेली व अलीगढ़ को समयान्तर्गत सर्वाधिक शौचालय निर्माण करने पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम व द्वितीय श्रेणी का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश के खुले में शौच से मुक्त (ओ0डी0एफ0) हो जाने पर स्थिरता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेस-2 के अन्तर्गत गा्रमों में अपशिष्ट प्रबन्धन तथा खुले में शौच मुक्त (ओ0डी0एफ0)के स्थायित्व को बनायें रखने हेतु ओ0डी0एफ0 प्लस अभियान के माध्यम से जन समुदाय को जोड़ते हुए जागृत किया जा रहा है।
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