वृद्धाश्रम में पुहंच डीएम ने वृद्धजनों का बांटा दुखदर्दनिःशुल्क मेडिकल चेकअप के साथ ही आवश्यक वस्तुओं का हुआ वितरण।

गोण्डा-आधुनिक जीवनशैली में बुजुर्गों का बढ़ता अकेलापन एक बड़ी समस्या है। यह वही देश है कि जहां की संस्कृति में परिवार के बुजुर्गों को भगवान के समान माना जाता है। परन्तु आज के परिवेश में घर के बुजुर्गों को ऐसे समय में जब उन्हें अपनी औलादों से सहारे की जरूरत होती तो उन्हें घर से निकाल देने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं, जिससे वृद्धों में अकेलापन की समस्या का निर्माण होता है। इसलिए संतानों को वृद्धों का सम्मान व उनकी परवरिश में की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए। यह बातें जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने नगर के वृद्धाश्रम में समाज कल्याण विभाग तथा स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों  के लिए निःशुल्क मेडिकल चेकअप, गरम कपड़ों के वितरण, आवश्यक खानपान की वस्तुओं तथा फल आदि के वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही।
जिलाधिकारी ने वृद्धाश्रम में स्वयं वृद्धजनों को पृष्पगुच्छ देकर उनका अभिवादन किया तथा उनका हौसला बढ़ाया। जिलाधिकारी ने वहां पर 40 पुरूष वृद्धजनों तथा 16 महिला वृद्धाओं सहित कुल 56 वृद्धजनों को अपने हाथों से कम्बल, साड़ी, मोजा, गरम टोपी, गमछा, च्यवनप्राश, मास्क, सैनीटाइजर, केला, सेब, रक्तचाप, ब्लड शुगर तथा वजन मापने की मशीन का वितरण किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री शाही तथा नगर मजिस्ट्रेट वन्दना त्रिवेदी ने स्वयं सेवी संगठनों के सराहनीय प्रयास की प्रशंसा करते हुए वृद्धाश्रम में निवासित वृद्धजनों से कहा कि वे स्वयं को अकेले न समझें। जिला प्रशासन तथा समाज के अच्छे लोग उनके साथ हैं और उनकी परवरिश के लिए मुस्तैद हैं। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था को जीवन का अंतिम पड़ाव एवं समस्या से घिरी हुई अवस्था माना जाता है क्योंकि इस अवस्था में वृद्धों को अनेक समस्याएं घेर लेती हंै, जिसके परिणामस्वरूप दूसरों के साथ संबंध स्थापित करने में असमर्थ रहते है। समय की रफ्तार के साथ-साथ समाज में नये नये परिवर्तन होने लगे हैं। नई पीढ़ी के लोग पुराने विचारों के लोगों को अपने जीवन में आने को उपयुक्त नही समझते है। इस कारण युवा पीढ़ी उनके अनुभवों एवं विचारों की उपेक्षा करते है। वद्धों की समस्याओं एवं उनकी उपयोगिता भी समाज में कम होती नजर आने लगी है, जिसमें शारीरिक समस्या, मानसिक समस्या, स्वास्थ्य की समस्या, आर्थिक समस्या, पारिवारिक एवं सामाजिक समस्या, अकेलापन की समस्या, घर व समाज में अनादर की समस्या, पराबलंबन की भावना की समस्या जैसी तमाम दिक्कते उनके सामने होती हैं। ऐसे में वृद्धाश्रम ही वृद्धजनों के लिए आखिरी उम्मीद होते हैं। 
जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से वृद्धाश्रम का निरीक्षण करते रहें तथा वृद्धों को कोई तकलीफ न हो इसके लिए जरूरी प्रबन्ध सुनिश्चित कराएं। कार्यक्रम में सभी वृद्धों का निःशुल्क मेडिकल चेकअपी भी कराया गया। 
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अजय सिंह गौतम, नगर मजिस्ट्रेट वन्दना त्रिवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल, जिला दिव्यांग जन सशक्तीकरण अधिकारी विकास वर्मा, स्वयं सेवी संगठनों रोटरी क्लब, रोटरी क्लब गोण्डा ग्रीन आदि से उमेश शाह, राजेन्द्र सिंह खुराना, सौरभ सिंह, रंगेश अग्रवाल, चिन्टू अग्रवाल, ड्रगिस्ट एण्ड केमिस्ट एशोसिएसन से राकेश सिंह, मनोज कुमार कैशवार, चीकू अग्रवाल, संजय अग्रवाल व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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