गर्मी के दिनों में अग्निकांड से बचाव के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी, डीएम ने दिए टिप्स



              तेजी से बढ़ रही गर्मी के दृष्टिगत संभावित अग्नि काण्डों से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। प्राधिकरण के अध्यक्ष  जिलाधिकारी डाॅ0 उज्ज्वल कुमार ने जनसामान्य को बचाव के टिप्स देते हुए सचेत किया है। उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में जब तेज पछुआ हवा चलती है तो हमारे गांवों में अग्निकांड बड़े पैमाने पर होते हैं और फलतः हमारे घर, खेत, खलिहान एवं जान-माल को भारी क्षति पहुंचती है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण इन घटनाओं से होने वाली क्षति को कम करने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है।
       जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष/जिलाधिकारी डाॅ0 उज्ज्वल कुमार ने इस संबंध में बताया कि बहुत छोटी छोटी सावधानियां बरत कर हम अग्निकांड की घटनाओं को रोक सकते हैं। 
            उन्होंने कहा कि गर्मी में लगने वाली आग से गांव अत्यधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में रसोई घर यदि फूस का हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य लगा दें। रसोई घर की छत ऊंची रखी जाए। आग बुझाने के लिए घर में बोरे में भरकर बालू अथवा मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। हवन आदि का काम सुबह नौ बजे से पहले सम्पन्न कर लें। शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय पर मरम्मत करा लें। मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम रखें एवं उनकी निगरानी अवश्य करते रहें। गर्मी के दिनों में दिन में तेज व गर्म हवाएं चलती हैं इसलिए जहां तक सम्भव हो गर्मियों में दिन का खाना 9 बजे सुबह से पूर्व बना लें तथा रात का खाना शाम 6 बजे के बाद बनाएं। बिजली के ढीले तारों से निकली चिंगारी भी आग लगने का कारण बन जाती है। अतएव जहां कहीं भी ढीले तार दिखें उसकी सूचना बिना देर किए बिजली विभाग को दें। आग लगने पर सर्वप्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें। आवश्यकता होने पर आग बुझाने हेते पफायर बिग्रेड एवं प्रशासन को तुरंत सूचित करें। अगर कपड़ों में आग लगे तो जमीन पर लेटकर या लुढ़क कर उसे बुझाने का प्रयास करें।
           जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने जनसामान्य को आग से बचाव के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि दीपक, लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर न रखें जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो। कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग नहीं लगाएं। भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय न करें। जलती हुई माचिस की तीली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर न फेंकें। खाना बनाते समय ढीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े न पहनें। हमेशा सूती कपड़े पहनकर ही खाना बनाएं। सार्वजनिक स्थानों, ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चलें। 
        अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि गांवों में आग न लगे इसके लिए प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्रीय लेखपालों को निर्देशित किया गया है।  

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