सीएचसी में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन,मधुमेह, ब्लड-प्रेशर व खून जाँच के साथ दवा वितरण और स्वास्थ्य संबंधी दी गयी सेवायें |

गोंडा – राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वजीरगंज में वृहद मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न गाँवों से आये मरीजों का मधुमेह, ब्लड-प्रेशर व खून जांच कर उनके मानसिक स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की गयी तथा दवा का वितरण कर मानसिक रोगों से बचने और स्वस्थ रहने सम्बंधी परामर्श प्रदान किये गए | शिविर में 33 मानसिक रोगियों को चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की गई | 
अधीक्षक डॉ आशुतोष शुक्ला ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया | मानसिक स्वास्थ्य विषय पर जानकारी देते हुए डॉ शुक्ला ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति में असामान्य रूप से बड़बड़ाना,गाली गलौज,ज्यादा गुस्सा आना, डिप्रेशन, बेहोशी / दौरा आना, बेवजह शक करना, आवश्यकता से ज्यादा सफाई करना एवं किसी कार्य में मन न लगना आदि लक्षण आते हैं, तो जिला चिकित्सालय गोंडा में पहुंचकर जांच व उपचार निशुल्क करा सकते हैं |
शिविर में फिजिशियन डॉ अनुपम सिंह द्वारा मरीजों को चिकित्सीय जांच एवं परामर्श सेवायें दी गयीं | क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ रंजना गुप्ता ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक बीमारियाँ, उनके लक्षण, उनकी रोकथाम व उपचार के बारे में बता कर जनसामान्य को जागरूक किया | साइकेट्रिक सोशल वर्कर उमेश भारद्वाज द्वारा मानसिक स्वास्थ्य मेले का मुख्य उद्देश्य और जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओ के बारे में बताया गया तथा मरीज़ों को इलाज़ के लिए मंगलवार, बुधवार व शुक्रवार को जिला अस्पताल में आने की सलाह दी गयी। स्टाफ नर्स तुसार डेनियल द्वारा मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी | कम्युनिटी नर्स दीपमाला द्वारा दवाइयों का वितरण किया गया |
मानसिक बीमारी के लक्षण : साइकेट्रिक सोशल वर्कर उमेश भारद्वाज ने मानसिक रोगों के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उदास या सुस्त रहना, बेवजह शक करना, चिंता, घबराहट, उलझन, बेचैनी, अकारण भय लगना या मन में बार-बार बुरा होने का विचार आना, झुंझलाहट, किसी काम में मन न लगना, नींद न आना,  याददाश्त में कमी,  आत्महत्या का प्रयास करना, बेहोशी/मिर्गी के दौरे पड़ना, सीने में दर्द, नशे की लत होना, सिर दर्द या सिर में भारीपन बना रहना, भूत-प्रेत की बातें करना, ऐसी आवाजें सुनना जो किसी और को न सुनाई देती हों मानसिक रोग के लक्षण हैं । उन्होंने कहा कि इनमें से किसी भी लक्षण के होने पर तुंरत ही बिना किसी संकोच के मनोचिकित्सक से संपर्क करें, ताकि समय रहते उचित इलाज से मरीज के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सके |
किसी प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्या के बारे में जानकारी व परामर्श के लिए जिला चिकित्सालय में संचालित मन कक्ष के टोल फ्री नंबर 6392 540 889, ड्रग्स/मादक द्रव्यों के छुटकारा व परामर्श हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर-1800 1100 31 एवं तंबाकू व नशा मद्यपान के छुटकारा व परामर्श हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर-1800 1123 56 पर संपर्क करें |
इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी एसबी वर्मा, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक  बीना शुक्ला, ब्लॉक कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजर महेंद्र कुमार, अरूण नायर, डेंटल हाइजेनिस्ट आशुतोष व नेत्र परीक्षण अधिकारी जयहिन्द मौर्या समेत क्षेत्र की आशा, आशा संगिनी, एएनएम समेत अन्य लोग मौजूद रहे |

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